June 13, 2025

काशीपुर। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। भक्तों ने अपने घरों एवं मंदिरों में जाकर देवी की आराधना की। इस दौरान चैती परिसर स्थित मां बाल सुंदरी देवी मंदिर के साथ ही नगर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, मां काली देवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर आदि शहर के विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। पूजा-अर्चना के बाद घर एवं मंदिरों में दुर्गा सप्तशती की पाठ भी किया गया। श्री शीतला माता मंदिर के प्रबंधक/पीठाधीश पं. संदीप मिश्रा ने बताया कि ब्रह्म का अर्थ है तपस्या व चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली देवी। मां के हाथों में अक्ष माला और कमंडल होता है। मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से ज्ञान सदाचार लगन, एकाग्रता और संयम रखने की शक्ति प्राप्त होती है और व्यक्ति अपने कर्तव्य पथ से भटकता नहीं है। मां ब्रह्मचारिणी की भक्ति से लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। कहा जाता है कि मां पूजा करने वाले भक्त जीवन में सदा शांत चित्त और प्रसन्न रहते हैं। उन्हें किसी प्रकार का भय नहीं सताता। या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा मंत्र के द्वारा देवी का आह्वान किया जाता है। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति भक्ति भाव एवं श्रद्धा से दुर्गा पूजा के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं उन्हें सुख, आरोग्य की प्राप्ति होती है और मन प्रसन्न रहता है, उसे किसी प्रकार का भय नहीं सताता है। सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करने श्रृद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

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