काशीपुर। वसुधैव कुटुम्बकम् के तत्वावधान में समाज जागरुकता से आज 13वां नेत्रदान हुआ है। नगर निवासी वजीर चंद मदान का आज प्रातः देहावसान हो गया। देहावसान के पश्चात उनके पुत्रों सुशील मदान व जितेंद्र मदान ने उनके नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेंगी। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रिय जन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे ।
वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों की देखरेख में सीएल गुप्ता मुरादाबाद से आई / नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर ब्राह्मलीन वज़ीर चंद मदान के शरीर से दान की गई आंखे (कॉर्निया) प्राप्त कीं। संस्था सचिव प्रियांशु बंसल ने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् क्षेत्र के लोगों में नेत्रदान हेतु जागृति लाने के लिए प्रयासरत है। आज तक 13 नेत्रदान हो चुके हैं। संस्थापक सदस्य दीपक मित्तल ने बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैब कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता हेतु (24×7)
98370 80678 या 9548799947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है। संस्था के संरक्षक योगेश जिंदल व संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल, सीए सचिन अग्रवाल आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल ने वसुधैव कुटुंबकम् काशीपुर द्वारा सम्पन्न कराये गये इस महान कार्य के प्रति मदान परिवार का आभार व्यक्त किया और परम पिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की। साथ ही क्षेत्र वासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने में सहयोग का आवाहन किया। ब्रह्मलीन वजीर चंद मदान के नेत्रदान से समाज हित में संलग्न राजकुमार सेठी व अनुराग गोयल का विशेष सहयोग रहा।

सह संपादक मानव गरिमा
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