June 15, 2025

काशीपुर। पूरे पंद्रह वर्ष हो गये उन्हें दुनिया से रुखसत हुए लेकिन हर दिल और दिमाग में उनकी याद अभी भी ताजा है, जो अहसास कराती है कि वे एक बड़ी शख्सियत थे। हम बात कर रहे हैं काशीपुर की राजनीति के पुरोधा रहे पूर्व सांसद सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया की, जिन्होंने जीवन पर्यंत ईमानदारी के साथ आदर्श राजनीति की और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। विकास के प्रति भी उनकी सोच बेहद दूरदर्शी रही। साथ ही शिक्षा के प्रति भी वे सदैव समर्पित रहे। 13 दिसंबर 1933 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री किशोरी लाल गुड़िया के घर में जन्मे सत्येंद्र चंद्र गुड़िया की प्रारंभिक शिक्षा उदय राज हिंदू इंटर कॉलेज में हुई थी 1952 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। वर्ष 1964 से 1980 तक वह मंडल एवं काशीपुर नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1978 में जब जनता पार्टी सरकार में इंदिरा गांधी को जेल भेजा गया तो श्री गुड़िया ने उनके विरोध में अपनी माता श्रीमती विद्याधरी गुड़िया सहित गिरफ्तारी देकर रामपुर जेल में रहे। वर्ष 1980 में वे काशीपुर से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। वर्ष 1982 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के सदस्य मनोनीत हुए। वर्ष 1983 में श्री गुड़िया पंतनगर विश्वविद्यालय प्रशासन मंडल के सदस्य तथा वर्ष 1984 में उत्तर प्रदेश की नारायण दत्त तिवारी सरकार में उद्योग सिंचाई एवं गन्ना विकास उप मंत्री बने। उसी वर्ष नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद बने। श्री गुड़िया कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रबंधन मंडल के सदस्य भी रहे। कुमाऊं मंडल विकास निगम के निदेशक का कार्यभार भी श्री गुड़िया ने बखूबी संभाला। वर्ष 1986 में श्री गुड़िया जिला नैनीताल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त हुए। वे पूर्वोत्तर रेलवे परामर्शदात्री समिति इज्जत नगर के सदस्य भी रहे। वर्ष 1987 में उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री गुड़िया को बाजपुर सहकारी शुगर मिल का प्रशासक मनोनीत किया। वे कांग्रेस की केंद्रीय कमेटी एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे। वर्ष 1996 में वे तिवारी कांग्रेस में उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2000 में उत्तरांचल किसान कांग्रेस संघर्ष समिति के संयोजक और वर्ष 2001 में उत्तरांचल कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मनोनीत हुए।
वर्ष 2004 में श्री गुड़िया को उत्तराखंड की तिवारी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में उत्तरांचल आवास सलाहकार परिषद का चेयरमैन बनाया गया। वर्ष 2005 में ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस आफ इंटेलेक्चुअल्स द्वारा श्री गुड़िया को उत्तरांचल रत्न से तथा वर्ष 2008 में नवचेतना सांस्कृतिक मंच द्वारा नवचेतना गौरव से अलंकृत किया गया। श्री गुड़िया आर्य प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तरांचल के प्रधान एवं उत्तरांचल ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने जीवन पर्यंत शिक्षा के प्रसार के क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया। श्री गुड़िया उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज, चंद्रावती तिवारी कन्या महाविद्यालय, आर्य कन्या इंटर कॉलेज, डीएवी स्कूल व आर्य समाज काशीपुर के अध्यक्ष तथा भारती नव चेतना सांस्कृतिक मंच, गौड़ सभा, तीर्थ द्रोणा सागर समिति, वेद बोध मंदिर समिति, जिला हॉकी संघ उधम सिंह नगर और जिला भारत्तोलक संघ के संरक्षक रहे। ऊंची राजनीतिक पहुंच वाले नेता श्री गुड़िया कांग्रेस की केंद्रीय कमेटी में भी रहे। उनके पिता श्री किशोरी लाल गुड़िया के बुलावे पर पं. जवाहरलाल नेहरु काशीपुर आए। वहीं, सत्येंद्र चंद्र गुड़िया के बुलावे पर पंडित जवाहर लाल नेहरु की पुत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र राजीव गांधी भी काशीपुर आए थे। एक नहीं अनेक केंद्रीय कांग्रेसी नेता और सुनील दत्त एवं राजेश खन्ना जैसे दिग्गज फिल्म अभिनेता/सांसद सुनील दत्त और राजेश खन्ना भी गुड़िया जी के आमंत्रण पर काशीपुर आए। राजीव गांधी उन्हें उन्हें पर्वतीय नेता के रूप में विकसित करना चाहते थे लेकिन पं. नारायण दत्त तिवारी से प्रगाढ़ संबंधों के चलते श्री गुड़िया ने कदम आगे नहीं बढ़ाए। एक बार मौसम खराब हो जाने के कारण जब हेलीकॉप्टर नहीं उड़ सका तो सोनिया गांधी खुद ट्रेन से इनका चुनाव प्रचार करने काशीपुर आई थीं। कुशल राजनीतिज्ञ श्री गुड़िया का बीमारी के चलते 24 अप्रैल 2010 को आकस्मिक निधन हो गया, लेकिन लोगों के जेहन में गुड़िया जी आज भी जीवित हैं। कुल मिलाकर स्व. श्री सत्येंद्र चंद्र गुड़िया का नाम राजनीति के इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। उनकी याद में प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली पुण्यतिथि का क्रम इस बार भी जारी रहा। पंद्रहवीं पुण्यतिथि पर वृहस्पतिवार को चंद्रावती तिवारी कन्या महाविद्यालय में स्मृति यज्ञ एवं श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व महापौर दीपक बाली समेत क्षेत्र व दूरदराज के प्रबुद्ध जनों ने उपस्थिति दर्ज कराकर श्री गुड़िया को श्रृद्धांजलि अर्पित की।

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