
काशीपुर। सावन कृपाल रुहानी मिशन कृपाल आश्रम काशीपुर सेन्टर पर दयाल पुरुष सन्त दर्शन सिंह जी महाराज की 36वीं बरसी के उपलक्ष में यहां मुरादाबाद रोड स्थित जसपुर बस स्टैंड पर छबील का आयोजन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर दयाल पुरुष सन्त दर्शन सिंह जी की याद में माता जी के शब्द व गज़लें चलती रहीं। भीषण गर्मी के चलते सेवादारों द्वारा हुजूर के आशीर्वाद से उत्साह से लबरेज होकर भारी संख्या में आम जन मानस को शरबत पिलाया गया।
संत दर्शन सिंह जी (1921-1989), जिन्हें संत दर्शन सिंह जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है, 1974 से 1989 तक सावन कृपाल रूहानी मिशन / साइंस ऑफ स्पिरिचुअलिटी के संस्थापक और प्रमुख थे। वे संत कृपाल सिंह जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे और उर्दू भाषा में लिखने वाले भारत के प्रमुख कवि-संतों में से एक थे। संत दर्शन सिंह जी का जन्म 14 सितंबर सन् 1921 को हुआ था।
उनके पिता संत कृपाल सिंह जी बाबा सावन सिंह जी के अनुयायी थे। 5 वर्ष की आयु में उन्होंने बाबा सावन सिंह जी से सुरत शब्द योग की दीक्षा प्राप्त की और उनके मार्गदर्शन में आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। सन् 1948 से 1974 तक उन्होंने अपने पिता संत कृपाल सिंह जी के मार्गदर्शन में अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखी। सन् 1974 में संत कृपाल सिंह जी के निधन के बाद दर्शन सिंह जी ने सावन कृपाल रूहानी मिशन की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने मिशन को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में आध्यात्मिक केंद्रों की स्थापना की। वे एक प्रसिद्ध कवि, लेखक और आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी रचनाएं और व्याख्यान विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हैं। वे एक महान मानवतावादी और शांति दूत थे, जिन्होंने दुनिया भर में लोगों को आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। आज कार्यक्रम के दौरान उनके हजारों अनुयाई उपस्थित रहे।

मुकुल मानव- सह संपादक
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