काशीपुर। पौराणिक नगर काशीपुर में वर्षों से लगते आ रहे उत्तर भारत के ऐतिहासिक चैती मेले की रंगत धीरे-धीरे फीकी पड़ती जा रही है। वह भी तब जबकि मेले की कमान प्रशासन के हाथ में है। बताते चलें कि इस ऐतिहासिक चैती मेले की बागडोर पंडा परिवार संभाल रहा था, लेकिन आपसी विवाद के चलते तमाम जद्दोजहद के बाद वर्ष 2018 में इसकी कमान जिला प्रशासन के हाथ में आ गई। मेले पर सरकारी नियंत्रण होता देख काशीपुर ही नहीं बल्कि दूरदराज के श्रृद्धालुओं में चैती मेले में कुछ नया होने की उम्मीद जगी, लेकिन करीब छह वर्ष बाद भी उनकी उम्मीद पूरी होती नजर नहीं आई। इससे श्रृद्धालुओं में रोष व्याप्त है। श्रृद्धालुओं को उम्मीद थी कि मेले में भव्य द्वार बनाये जाएंगे। सफाई व्यवस्था सुदृढ़ होगी। पेयजल और शौचालय की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध रहेगी। दुकानें सस्ते दामों पर मिलेंगी और वाहन पार्किंग शुल्क भी बेहद कम होगा। आश्चर्य की बात है कि सबकुछ इसके उलट है। मेले का अधूरा मुख्य द्वार श्रृद्धालुओं को मुंह चिढ़ा रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। लोग खुले में शौच कर रहे हैं। वाहन पार्किंग शुल्क मंहगा है और पार्किंग कर्मियों की गुंडई चरम पर है। दुकानें बेहद मंहगी हैं, जिस कारण सामान भी मनचाहे दामों पर बिक रहा है। एकमात्र मनोरंजन का साधन झूले हैं। बताया जा रहा है कि ब्रेक डांस झूले में कुछ में पाइप गायब हैं। जिनमें हैं, उनमें लॉक नहीं है। वहीं झूलों के रेट सुनकर लोगों के होश उड़ रहे हैं। मंहगे रेट के कारण बच्चों को इनमें झुला पाना आम आदमी के बस की बात नहीं है। नतीजन, झूले के पास जाकर तमाम बच्चे मायूस लौट रहे हैं। यही वजह है कि मेले की रंगत लगातार फीकी हो रही है। इस संदर्भ में चैती मेले के मुख्य पण्डा विकास अग्निहोत्री से बात करने पर उन्होंने कहा कि प्रशासन को मेले का अस्तित्व बनाए रखने को प्रयासरत रहना चाहिए। कहा कि पंडा परिवार के हाथ में बागडोर थी तो मेला अति व्यवस्थित, भव्य और आकर्षक नजर आता था, लेकिन प्रशासन के कमान संभालने के बाद मेले में अव्यवस्थाओं की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पण्डा विकास अग्निहोत्री ने कहा कि मेले का वाद न्यायालय में विचाराधीन है। उम्मीद है कि मां भगवती बाल सुंदरी देवी की कृपा से फैसला पण्डा परिवार के पक्ष में आएगा और मेले की बागडोर पुनः पण्डा परिवार संभालेगा। उधर, मेले में व्याप्त अव्यवस्थाओं के संबंध में मेलाधिकारी अभय प्रताप सिंह से बात किये जाने पर उन्होंने कहा कि मेले में किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं है। गंदगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का जिम्मा नगर निगम का है। उन्होंने बताया कि नगर निगम को सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने को निर्देशित किया गया है। शिकायत आ रही है तो विशेष ध्यान दिया जाएगा। आगामी 5 मई तक चलने वाले मेले में श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
मुकुल मानव- सह संपादक
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