मानव गरिमा ब्यूरो


काशीपुर। स्वयं से प्यार करें। जो खुद को प्यार करते हैं उनके जीवन में डिप्रेशन शून्य हो जाता है। रोज चिंतन करें, इस सृष्टि रंग मंच पर मेरे जैसा दूसरा कलाकार है ही नहीं। अपने अंदर की विशेषताओं का रोज चिंतन करें। यह भी मेडिटेशन है। अपने को शाबाशी दे। अपने-अपने घरों में लिखकर रख लीजिए मैं -“ मैं बेस्ट हूं”। जो पाठ परमात्मा ने मुझे दिया है वो बहुत अच्छा है। उक्त बातें इंदौर से पधारी प्रख्यात तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन जी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय काशीपुर के तत्वाधान में रामलीला मैदान में आयोजित नौ दिवसीय निशुल्क “अलविदा तनाव शिविर “के पांचवें दिन के सत्र में सुखी जीवन का पहला रहस्य बताते हुए कही। सुखी जीवन के लिए दूसरा टिप्स उन्होंने बताया- दूसरों के लिए जिए। रिश्तो में प्यार,सम्मान, दर्द जो भी हम देते हैं वही वापस आता है। चेक करिए मुझे संबंधों में क्या देना है? मांगता नहीं दाता बनना है। यही भारत की प्राचीन संस्कृति है। देना ही लेना है। सबको प्यार, शुभकामना, खुशी, दुआएं,सहयोग देना है,तभी हम सदा सुखी रह पायेंगे। टिप्स को पक्का करने के लिए उन्होंने किसी की मुस्कुराहटो पे हो निसार.. गीत बजाकर सबसे तालियां बजवाई जिससे खुशी वह उमंग उत्साह का वातावरण बन गया।उन्होंने बताया कि इस संसार को मुसाफिर खाना कहा जाता है। यहां हम सभी मुसाफिर हैं। जहां से आए हैं एक दिन वहां ही जाना है। हम जहां रहते हैं उसे साकार लोक कहा जाता है। इस सृष्टि मंच भी कहा जाता है जहां हम सब कलाकार अभिनय करते हैं। इसके ऊपर सूर्य, चाँद, तारागण से भी पार “सूक्ष्म लोक” है वहां हड्डी मांस का शरीर नहीं होता है, प्रकाश का शरीर होता है। वहां आवाज नहीं होती, इशारों से बातें होती है। इस लोक से भी ऊपर या परे एक तीसरा लोक है जिसे परमधाम निर्वाणधाम, शांतिधाम, मूलवतन,ब्रह्मलोक, मुक्तिधाम आदि नाम से जाना जाता है। वीडियो दृश्य के माध्यम से दिखाया कि यहां चारों ओर सुनहरा लाल प्रकाश फैला हुआ है जहां सूक्ष्म बिंदु समान आत्माएं चमक रही है। सबसे ऊपर स्वयं परमपिता परमात्मा दिव्य ज्योति स्वरूप में विराजमान है। मेडिटेशन के लिए यह दृश्य व ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने परमधाम में परमपिता परमात्मा से संबंध जोड़कर मेडिटेशन करते हुए शांति की गहन अनुभूति कराई। मंगलवार को मेडिटेशन द्वारा संपूर्ण समस्याओं का समाधान विषय पर सत्र चलेगा वह ध्यान उत्सव मनाया जाएगा। हजारों नगर वासी बहुत ही उमंग उत्साह से शिविर का लाभ ले रहे हैं।

सह संपादक मानव गरिमा
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