मानव गरिमा ब्यूरो


हरिद्वार में मेला क्षेत्र को तीन सुपर जोन, 10 जोन और 26 सेक्टरों में विभाजित किया गया। साथ ही पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई। पुरोहितों का मानना है कि गंगा दशहरा का पर्व तब से शुरू हुआ जब से मां गंगा धरती पर अवतरित होकर हरिद्वार में आईं। इसी दिन गंगा पुत्र भीष्म का भी जन्मदिन होता है। मान्यता है कि इस दिन हरिद्वार हरकी पैड़ी में स्नान करने से 10 प्रकार के पापों का शमन होता है। भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी कनखल हरिद्वार के प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि देवभूमि शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक दृष्टि से मोक्षदायिनी धरती है। गंगा दशहरा का महात्म्य 10 योग से भी जुड़ा है। इसी योगिनियों में मां गंगा का अवतरण हरिद्वार में हुआ। इन योग की गणना ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि में चंद्रमा, वृष राशि में सूर्य, तातिल करण आदि से जोड़ा जाता है। इस 10 योग में इस बार गंगा दशहरा पर छह योग बने। बहरहाल, आज हरिद्वार तीर्थयात्रियों से पूरी तरह पैक नजर आया। सायंकाल हरकी पौड़ी स्थित गंगा घाट समेत विभिन्न घाटों पर गंगा आरती में भारी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल हुए।

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