मानव गरिमा ब्यूरो










काशीपुर। निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से यहां पटेल नगर स्थित निरंकारी भवन में महिला संत समागम आयोजित किया गया। ज्ञात रहे कि पिछले लगभग 41 वर्षों से यह महिला संत समागम यहां आयोजित होता रहा है। इस समागम में रुद्रपुर से बहन आशा बत्रा ने सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का शुभ संदेश प्रदान किया। निरंकारी मिशन में महिलाओं के महान योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन की जगत माता बुद्धवंती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, माता सविंदर हरदेव जी व वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का असाधारण योगदान नारी शक्ति के लिए एक प्रेरणाओं का स्रोत है। आज महिलाओं के द्वारा किस प्रकार से अपने घर परिवार का तथा समाज में देश सेवा खेलकूद कारोबार नौकरियां इत्यादि उच्च पदों पर पूरी मानव जाति का निरंतर मार्गदर्शन किया जा रहा है। घर परिवार को खुशमय बनाने के लिए भी और स्वयं भी खुशनुमा जीवन जीने के लिए निरंकारी सत्संग एक अच्छा विकल्प है। निरंकारी सतगुरू माता जी से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर प्रभु परमात्मा को जानकर जीवन का असली मकसद हासिल करके लाखों इंसानों का जीवन सफल हुआ है और उनके घर परिवारों में रोनकें आ गयी हैं।
जिस घर में परिवार के सभी सदस्य मर्यादा में रहते हुए अपनी-अपनी जिम्मेवारियों को निभाते हैं वहां हर समय प्यार ही प्यार होता है व स्वर्ग का नक्शा बना रहता है तथा ऐसे घर-परिवार में शारीरिक, मानसिक व आर्थिक अर्थात हर तरह के सुख बरसते हैं । निरंकारी राजमाता जी कहा करते थे, जिस घर में मां दुखी है उस घर से गरीबी नहीं जाती है।
जिस घर में बहू दुखी है उस घर से क्लेश नहीं जाता है। जिस घर में बेटी दुखी है उस घर से बीमारी नहीं जाती है। निरंकारी सत्संग से सीख लेकर हजारों नारियों ने अपने घर परिवार की तस्वीर बदल दी है। ’’ब्रह्मज्ञान’’ को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर, अपने आचरण द्वारा प्रेम तथा शांति का माहौल देकर अपने ही घर को स्वर्ग बना दिया है। समागम में सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया। सेवा दल की बहनों के द्वारा खेलकूद भी आयोजित किए गए। कई महिला वक्ताओं ने अपने विचार गीत, लघुनाटिका, भक्ति रचनाओं आदि के माध्यम से प्रेम, दया, सहनशीलता, विश्वास, करुणा व एकत्व आदि मूल्यों पर प्रकाश डाला।लघु कवि दरबार का आयोजन भी इस अवसर पर किया गया। कविता का शीर्षक “सुकून हमेशा जीवन में प्रभु भक्ति से ही आता है।” मंच संचालन विभाती व बहन मुन्नी चौधरी द्वारा किया गया। बहन मुन्नी द्वारा काशीपुर ब्रांच की उन बुजुर्ग माताओं बहनों का जिक्र भी किया गया जिन्होंने अपने जीवन काल में गुरमत को अपनाया था।आज उनकी प्रेरणायें भी हमारे साथ है। शिक्षिका सुमिता खेड़ा, सहायक शिक्षिका रीटा द्वारा इस समस्त कार्यक्रम को अपनी ज़िम्मेदारियों के तहत बखूबी निभाया गया। ब्रांच के मुखी राजेंद्र अरोड़ा ने आए हुए सभी बहनों, संतो महापुरुषों का धन्यवाद किया तथा आगामी 30 जून को ज़ोनल लेवल पर खटीमा में होने वाले महिला संत समागम की सूचना भी दी। उक्त समस्त जानकारी स्थानीय निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा उपलब्ध कराई गई।

सह संपादक मानव गरिमा
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