December 23, 2024
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मानव गरिमा ब्यूरो
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काशीपुर। भगवान भोलेनाथ को समर्पित श्रावण मास की शुरूआत सोमवार, 22 जुलाई से हो रही है। खास बात यह है कि सोमवार से ही श्रावण माह की शुरूआत हो रही है और समापन भी सोमवार, 19 अगस्त को ही होगा। इस साल शिव भक्तों को सावन के पांच सोमवार व नौ विशेष योग का पुण्य मिलेगा। चैती परिसर स्थित श्री मोटेश्वर महादेव मंदिर, मौहल्ला पक्काकोट स्थित श्री नागनाथ मंदिर, जसपुर खुर्द स्थित बांसियोवाला शिव मंदिर, श्यामपुरम स्थित श्री हरिशंकर मंदिर समेत शहर के मंदिरों में श्रावण माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों में सजावट का काम चल रहा है। बाजार में भी रौनक छा गई है। शिवभक्त पूजन सामग्री खरीद रहे हैं। फूल विक्रेताओं ने भी अपनी तैयारी कर ली है। शिव महापुराण के अनुसार, श्रावण माह का हर दिन भगवान शिव के पूजन के लिए शुभ है। आमतौर तौर पर रुद्राभिषेक करने के लिए शिववास देखने की आवश्यकता होती है, लेकिन श्रावण मास में ये बंधन लागू नहीं होता है। इस महीने के किसी भी दिन और किसी भी समय बिना तिथि व मुहूर्त देखे रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सोमवार से शुरुआत होने पर श्रावण मास की महिमा और बढ़ जाती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इन दिनों शनि वक्री चल रहे हैं। देव गुरु बृहस्पति अपने रम शत्रु दैत्य गुरु शुक्राचार्य के साथ हैं। वहीं जल्द ही बुध भी सिंहस्थ हो जाएंगे। इसे देखें तो वर्तमान में ग्रहों की परिस्थिति वैसे तो प्रतिकूल हैं, लेकिन श्रावण मास के दौरान ऐसी मान्यता है कि सभी ग्रह महादेव की पूजा करते हैं, इसलिए दुष्प्रभाव नहीं देते हैं।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि श्रावण के प्रथम सोमवार को ही प्रीति योग, आयुष्मान योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। श्रावण मास के दौरान कुबेर योग, शश योग, गज केसरी योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योग एवं नवम पंचम योग अलग-अलग समय में बनेंगे और अपना शुभ प्रभाव छोड़ेंगे।

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