जसपुर/कुंडा। क्षेत्र के एक टोल प्लाजा का
उपठेका देने के नाम पर एक व्यक्ति से 10 लाख रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित के अधिवक्ता सौरभ शर्मा द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर मनोज सिंह राणा ने थानाध्यक्ष कुंडा को जांच कर केस दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। पन्नू फार्म, भरतपुर, कुंडा निवासी परगट सिंह पुत्र कश्मीर सिंह ने अपने वकील सौरभ शर्मा के माध्यम से न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर मनोज सिंह राणा की अदालत में प्रार्थना-पत्र दाखिल कर बताया कि उसके गांव से कुछ दूरी पर ही राष्ट्रीय राज्य मार्ग सं. 74 गुजरता है, जिस पर ग्राम जगतपुर पट्टी, तहसील जसपुर में एक टोल प्लाजा बूथ बना हुआ है। वहां से आते-जाते उसकी जान-पहचान टोल बूथ के मैनेजर दीपक सिंह से हो गई। परगट ने बताया कि एक दिन दीपक सिंह ने बताया कि उनकी कम्पनी कोरल एसोसिएट्स, उदयपुर, राजस्थान इस टोल बूथ का उपठेका देना चाहती है, तुम चाहो तो उक्त ठेका तुम ले लो। कुछ समय बाद 01 मई 2024 को दीपक सिंह ने उससे कहा कि आज कम्पनी के अधिकारी टोल बूथ पर निरीक्षण करने आये हैं, यहां आकर उनसे आमने-सामने बात कर लो। परगट ने बताया कि इसके बाद वह टोल प्लाजा पर पहुंचा तो दीपक सिंह ने उसकी मुलाकात कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि जितेश व अन्य दो-तीन व्यक्तियों से कराई। जितेश ने कहा कि वह उसे ठेका दिला देगा, इसके लिए उसे कम्पनी को सिक्योरिटी के रूप में दो बार में 5 लाख-5 लाख करके 10 लाख रुपये देने होंगे। इसके बाद उसने दीपक सिंह को 5 लाख रुपये नकद दिये और उससे कहा कि उसे उपठेका दिलवा दे। 10 मई 2024 को दीपक सिंह ने फोन किया कि तुम्हारा ठेका हो गया है, बाकी के 5 लाख रुपये ले आओ और अपना लेटर ले जाओ। इसके बाद 10 मई 2024 को 5 लाख रुपये लेकर गुरदेव के साथ टोल बूथ पर पहुंचा और 5 लाख रुपये दीपक सिंह को दे दिये। इसके बाद दीपक सिंह ने कोरल एसोसिएट्स कम्पनी द्वारा जारी लेटर (दिनांकित 10 जून 2024) उसे दे दिया और कहा कि अब टोल बूथ का उपठेका उसके नाम हो गया है और अब वह टोल वसूली का कार्य कर सकता है। परगट ने बताया कि इसके बाद उसने टोल प्लाजा पर टोल वसूली का कार्य शुरू कर दिया। 17 मई 2024 को सुबह करीब 10 बजे आसपास के गांवों के काफी सारे दबंग किस्म के नेता टाईप व्यक्ति टोल बूथ पर आ गये और कहने लगे कि वे किसान यूनियन के नेता हैं, ये टोल फ्री किया जायेगा। उन्होंने उनसे कहा कि टोल वसूली का उपठेका उसके पास है, टोल फ्री नहीं किया जा सकता, इससे उसे काफी नुकसान हो जायेगा। जिस पर वे लोग उसके साथ गालीगलौच करते हुए धरने पर बैठ गये, जिससे मार्ग के दोनों ओर गाड़ियों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गईं। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस जाम खुलवाने वहां पहुंचीं तब उसने पुलिस से उक्त करमजीत सिंह कम्मा व अन्य लोगों की शिकायत की तो पुलिस ने उल्टे उसे ही डांटना डपटना शुरू कर दिया। परगट ने पुलिस को कंपनी द्वारा जारी पत्र दिखाया तो पुलिस ने कहा कि यह पत्र फर्जी है, ऐसा कोई उपठेका नहीं होता है। उसने एसपी काशीपुर के सामने ही उक्त दीपक सिंह को फोन लगाया तब दीपक सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी को कोई उपठेका नहीं दिया है। कम्पनी का ठेका तो दिल्ली से केन्द्र सरकार करती है। इस प्रकार दीपक सिंह ने उससे 10 लाख रुपये ठग लिये।याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट जसपुर मनोज सिंह राणा ने आदेश देते हुए कहा कि प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-175 (3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता स्वीकार किया जाता है। थानाध्यक्ष कुण्डा, जिला उधम सिंह नगर को आदेशित किया जाता है कि सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर, अन्वेषण स्वयं अथवा किसी सक्षम अधीनस्थ से कराया जाना सुनिश्चित करें।
मुकुल मानव- सह संपादक
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