-हो रहा था अयोध्या जैसा अहसास, आतिशबाजी की भी रही जबर्दस्त धूम
-उपस्थित जनसमूह ने लगाये भगवान श्री राम और जय वीर हनुमान के गगन भेदी नारे -कार्यक्रम की सार्थकता तभी है जब 31 हजार सनातनी लोग आकर यहां अपने हाथों से दीप प्रज्ज्वलित करें : दीपक बाली
काशीपुर। क्षेत्र के प्रमुख ऐतिहासिक तीर्थ द्रोणासागर पर आयोजित चतुर्थ दीपोत्सव कार्यक्रम शनिवार को अत्यंत भव्य तरीके से संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रज्ज्वलित किए गए 31 हजार दीपों की विशाल श्रृंखला की रोशनी से पूरा द्रोणा सागर क्षेत्र जगमगा उठा जिसे देखकर लग रहा था जैसे यह काशीपुर का द्रोणा सागर नहीं बल्कि भगवान श्री राम के लंका विजय के बाद उनके आगमन पर सजी अयोध्या नगरी हो। इस अवसर पर उपस्थित हजारों सनातनी स्त्री पुरुष और बच्चों ने दीपोत्सव में भाग लेकर शानदार आतिशबाजी का भी आनंद लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हनुमान धाम के संस्थापक आचार्य श्री विजय जी महाराज रहे, जिन्होंने कलयुग के जीवंत देवता श्री राम भक्त वीर हनुमान जी से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुना कर उपस्थित सनातनी जन समूह को इतना भाव विभोर कर दिया कि एकत्र जनसमूह भगवान श्री राम और जय वीर हनुमान के गगन भेदी नारे लगाने पर मजबूर हो गया। आचार्य श्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम ही हमारी महान सनातनी संस्कृति के ध्वजवाहक है जिसके लिए दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजक बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं। आचार्य श्री विजय जी महाराज ने हनुमान चालीसा की विभिन्न चौपाइयों का भाव समझाते हुए बताया कि कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता है जिनकी पूजा करने से भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद मिलता है और हमारा जीवन संयमित और मर्यादित भी होता है। आचार्य श्री ने कहा कि सुंदरकांड हमें जीवन के भटकावों से तो बचाता ही है साथ ही जीवन के संघर्षों को झेलते हुए उसे परमार्थ हेतु सार्थक और मजबूत भी बनाता है। हनुमान जी स्तुति मात्र से ही अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। वें एकमात्र जीवंत देव है यही कारण है कि उनकी पूजा विश्व के 66 देशों में की जाती है और इसीलिए उन्हें इसाई एवं मुस्लिम भी उन्हें मानते हैं। स्वामी जी ने कहा कि दीप प्रज्ज्वलित करते हुए कभी भी मोमबत्ती का सहारा नहीं लेना चाहिए। कार्यक्रम शुरू करने से पूर्व स्वामी जी ने कार्यक्रम स्थल पर लगी भगवान श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के चित्रों पर पुष्प वर्षा कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत की। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक दीपक बाली ने कहा कि इस कार्यक्रम की सार्थकता तभी है जब 31 हजार सनातनी लोग आकर यहां अपने हाथों से दीप प्रज्ज्वलित करें। उल्लेखनीय है कि दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हिंदू राष्ट्र शक्ति संगठन के राष्टीय प्रभारी संजय भाटिया द्वारा कोरोना काल के उपरांत 2021 में तीर्थ स्थल द्रोणासागर से ही की गई थी। इसकी महत्ता को सभी ने स्वीकारा और यही कारण रहा कि 2022 में भाजपा नेता दीपक बाली के प्रयासों के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दूसरे दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की थी। उस वर्ष 51हजार दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे। गत वर्ष हुए दीपोत्सव कार्यक्रम में श्री बाली के प्रयासों के चलते ही स्वामी कैलाशानंद जी महाराज ने दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इसे आलीशान बताते हुए कार्यक्रम के आयोजकों की प्रशंसा की थी और कहा था कि यह इतना सुंदर आयोजन है कि इसे अनवरत रूप से प्रतिवर्ष जारी रखा जाए। इसी श्रृंखला को जारी रखते हुए चतुर्थ दीपोत्सव कार्यक्रम शनिवार सायं आयोजित किया गया जिसको भव्य और सुंदर रूप देने के लिए भाजपा नेता और हिंदू राष्ट्र शक्ति संगठन के मुख्य संरक्षक दीपक बाली, राष्ट्रीय प्रभारी संजय भाटिया, कार्यक्रम के संयोजक गौरव गुप्ता, शशिकांत गुप्ता, सचिन गुप्ता, योगेश बिश्नोई, राकेश गुप्ता, गगन कांबोज और उनकी टीमें पिछले कई दिनों से व्यवस्थाओं में युद्ध स्तर पर लगी हुई थीं और सभी के प्रयास इतने सफल हुए कि इस बार फिर दीपोत्सव कार्यक्रम भव्य और शानदार होने के कारण फिर से यादगार बन गया, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है। इस बार के कार्यक्रम में आतिशबाजी के शानदार आयोजन को भी जोड़ा गया जिसने दीपोत्सव में और चार चांद लगा दिए। दीपोत्सव में एक स्वयंसेवी संगठन के बच्चों ने एक सुंदर भजन प्रस्तुत किया। दीप उत्सव कार्यक्रम में विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, भाजपा जिला अध्यक्ष गुंजन सुखीजा, भाजपा प्रदेश मंत्री गुरविंदर सिंह चंडोक, डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय, केके अग्रवाल एडवोकेट, संजय अग्रवाल, पंकज टंडन, तेजवीर सिंह चौहान, योगेश जिंदल, जितेंद्र जीते, बीना किशोर, मनोज कौशिक, मुकेश चावला, अमित सक्सेना, पवित्र शर्मा, गुरबख्श सिंह बग्गा, राहुल पैगिया, राजू सेठी, मां धारी देवी मंडली सहित नगर व क्षेत्र के हजारों स्त्री पुरुषों व बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक दीपक बाली ने कहा कि इस कार्यक्रम की सार्थकता तभी है जब 31 हजार सनातनी लोग आकर यहां अपने हाथों से दीप प्रज्ज्वलित करें।
मुकुल मानव- सह संपादक
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