January 14, 2025
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विकास का ढिंढोरा पीट कर मांग रहे वोट
बरसात में स्थिति हो जाती है नारकीय, प्रतिवर्ष होता है लाखों का नुकसान
काशीपुर। चुनाव जब भी आते हैं। नेता क्षेत्रीय समस्याओं को मुद्दा बनाकर सत्ता तक पहुंचने की होड़ में जुट जाते हैं। इस बार के निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर काशीपुर में देखी जा सकती है। पिछले दो दशकों में शहर में हो रहे जल भराव, सीवर लाइन, सफाई, पेयजल एवं यातायात जैसी मूलभूत समस्याओं का निवारण स्थायी तौर पर नहीं हो सका, लेकिन यही समस्याएं नेताओं के लिए सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी जरूर बनीं। बीते 20 वर्षों में लोकसभा या विधानसभा के चुनाव हो अथवा ग्राम पंचायत या निकाय चुनाव, विकास के मुद्दे पर क्षेत्र के कायाकल्प के बड़े-बड़े वादे और दावे किए गए। चुनाव खत्म बात खत्म। क्षेत्र की भोली भाली जनता हर बार खुद को ठगा महसूस करती है लेकिन इस बार अधिकारों के प्रति लोगों में जागरूकता है। वर्ष 2008 में बहुजन समाज पार्टी से शमशुद्दीन ने पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया था। वर्ष 2013 में काशीपुर को नगर निगम का दर्जा मिल गया। इसके बाद से लगातार भाजपा सत्ता में रही लेकिन विकास के नाम पर वह एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सकी। मामूली बरसात में मेन मार्केट, रतन रोड, स्टेशन रोड समेत नगर के दर्जनों आबादी वाले
मोहल्ले आज भी जलमग्न हो जाते हैं। प्रतिवर्ष व्यापारियों का जल भराव के कारण लाखों करोड़ों का नुकसान होता है। जल भराव का आज तक नगर निगम द्वारा स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका । गिरीताल और द्रोणासागर जैसी पौराणिक धरोहर विकास के लिए तरस रही हैं। शहर में एक और श्मशान घाट बनाये जाने, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंचे रोडवेज बस स्टैंड को कहीं और शिफ्ट न कर इसका पुनर्निर्माण कराये जाने, लक्ष्मीपुर माइनर की तलीझाड़ सफाई करायें जाने, एमपी चौक पर बनाये गये पिंक टॉयलेट को खोले जाने, छोटा जीजीआईसी में व्यापारियों की सुविधा हेतु बनाए गए शौचालय का संचालन कराने, जगह-जगह रोडवेज बस स्टॉपेज और ई-रिक्शा स्टैंड बनाए जाएं, एमपी चौक पर आरओबी के नीचे भव्य सौंदर्यीकरण कराये जाने, नगर निगम स्थित पार्क में खड़े निगम के वाहन हटवाये जाने, कूड़ा डालने हेतु प्रत्येक वार्ड में बड़े कूड़ेदान की सुविधा उपलब्ध कराये जाने, विभिन्न वार्डों में खराब हैंडपंपों की मरम्मत कराये जाने, धार्मिक स्थलों के आसपास नियमित सफाई कराये जाने समेत तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। आज निकाय चुनाव में वार्ड और मेयर प्रत्याशी तमाम वायदे कर मतदाताओं को लुभा तो रहे हैं, लेकिन इनके प्रलोभन में आकर मतदाता भविष्य में कहीं ये न गुनगुनाते नजर आयें कि…वादे पे तेरे मारा गया…।

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