June 14, 2025

काशीपुर। निजी ट्यूबवेलों पर बिजली बिलों में लगाए गए अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क (एएसडी) का किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है। भाकियू ने भी राज्य सरकार और यूपीसीएल से इस शुल्क को हटाने की मांग की है। भाकियू के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने बताया कि ऊर्जा प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड में भी किसानों को महंगी बिजली का दंश झेलना पड़ रहा है। यहां उपभोक्ताओं को पहले ही महंगी दरों पर बिजली मिल रही है। उपभोक्ताओं के ऊपर एएसडी का चार्ज लगाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है। खासकर किसानों के प्राइवेट ट्यूबवेलों को इस शुल्क से छूट नहीं दी गई है। इससे ट्यूबवेलों का बिजली बिल अधिक आ रहा है। उन्होंने कहा कि भाकियू इसे लेकर विरोध दर्ज करा चुकी है। शीघ्र ही यदि यह वापस नहीं लिया तो भाकियू इसे लेकर आंदोलन छेड़ेगी। उधर, ऊर्जा निगम के ईई विवेक कांडपाल का कहना है कि एसएडी अप्रैल, 2025 से लागू है। यह घरेलू, वाणिज्यिक समेत सभी प्रकार के कनेक्शनों पर लागू है। साल भर के दो माह के बिल की राशि एसएडी के रूप में जमा कराई जा रही है। अधिकांश उपभोक्ताओं से यह राशि जमा कराई जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष के सिर्फ दो माह शेष हैं। अगले साल से बिजली खपत के अंतर की राशि ही एसएडी के रूप में ली जाएगी। अगर उपभोक्ता की खपत नहीं बढ़ती है तो उससे किसी तरह की कोई सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी।

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