February 21, 2025
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हल्द्वानी।‌ यूपी के हाथरस निवासी बुजुर्ग ने तल्ली बमौरी में 33 साल पहले मकान बनवाया। जब रोजगार में घाटा हुआ तो 21 साल पहले दोस्त को देखभाल के लिए घर सौंपकर हाथरस आ गए। पिछले साल लौटे तो उनका मकान, उनका नहीं था। दोस्त ने मां के नाम से फर्जी इकरारनामा बनवाकर उसे बेच दिया था। बुजुर्ग ने थाने के चक्कर काटे, सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट की शरण ली। अब कोर्ट के आदेश के पर हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने बुजुर्ग के दोस्त, उसकी मां और मकान खरीदने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।हाथरस के सासनी थानांतर्गत जैनपुरी पथवारी मंदिर के पीछे रहने वाले रामनिवास ने हल्द्वानी के तल्ली बमौरी में वर्ष 1992 में उन्होंने घर बनवाया। मकान में रहते हुए उन्होंने कारोबार भी शुरू किया। अचानक व्यापार में घाटा हुआ और वर्ष 2004 में वह अपने घर हाथरस चले गए। तहरीर के अनुसार जाने से पहले उन्होंने मकान की जिम्मेदारी अपने दोस्त विजय पाठक निवासी मल्ला गोरखपुर को दे दी।पिछले साल जब वह लौटे तो मकान में राजबहादुर निवासी तल्ली बमौरी निशांत विहार वार्ड नंबर छह को रहते हुए पाया। राजबहादुर ने बताया कि उन्होंने मकान खरीदा है। कागज निकाला तो पता चला कि फर्जी इकरारनामा बनवाकर यह मकान राजबहादुर को बेचा गया है। मकान में रखा सामान भी गायब था। यह इकरारनामा तीन फरवरी 2004 को बना था। बुजुर्ग ने न्याय के लिए 25 जुलाई 2024 को तहरीर सौंपी और केस दर्ज करने की मांग की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने विजय पाठक, उनकी मां राजेश्वरी पाठक और राज बहादुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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