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रुद्रपुर। केन्द्रीय बजट 2025 में टैक्स में किए गए संशोधनों एवं जीएसटी की विस्तृत जानकारी देने हेतु यहां एक होटल में सेमिनार का अयोजन किया गया, जिसमें श्रीमती स्मिता ज्वाइंट कमिश्नर (एक्जीक्यूटिव), राजेन्द्र चौधरी सहायक आयुक्त सीजीएसटी, रोहित श्रीवास्तव ज्वाइंट कमिश्नर (ऑडिट), सीजीएटी कुमायूँ ज़ोन रूद्रपुर, डीपी यादव अधिवक्ता, धीरज सोनी सीजीएसटी इंस्पेक्टर, प्रशांत यादव जीएसटी इंस्पेक्टर आदि ने जानकारी दी। संचालन प्रशांत यादव, जीएसटी इंस्पेक्टर द्वारा किया गया।
सेमिनार में कुमायूँ गढ़वाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (केजीसीसीआई) के अध्यक्ष, अशोक कुमार बंसल ने बताया कि जीएसटी हमारे देश का एक महत्वपूर्ण अंग है जो व्यापार और उद्योग के सुचारू रूप से संचालन में अत्यन्त सहायक है। हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय बजट में टैक्स में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं जिनके बारे में व्यापारियों और उद्यमियों को अवगत कराए जाने हेतु केजीसीसीआई द्वारा इस सेमिनार का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों से प्राप्त टैक्स देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उद्योग ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उद्योगों के विकास से ही देश का विकास सम्भव है, लेकिन उद्योगों पर लागू टैक्स की गलत अवधारणा के कारण कभी-कभी उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना भी करना पड़ जाता है। उन्होंने माँग है की कि ऐसी स्थिति में विभागीय अधिकारियों को उनका सहयोग कर उद्योगों की शिकायतों एवं विवादों का तत्काल निराकरण करना चाहिए। राजेन्द्र चौधरी, सहायक आयुक्त, सीजीएसटी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रधानमन्त्री, नरेन्द्र मोदी का देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पह पहुंचाने का लक्ष्य है। केन्द्र सरकार, राज्य सरकारें तथा समस्त सरकारी विभाग इस दिशा में पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रहे हैं। हमें पूरी आशा है कि इस लक्ष्य को समय सीमा के अन्दर हासिल कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उद्योगों एवं व्यापारियों के टैक्स से सम्बन्धित जो भी मुकदमे या विवाद हैं उन्हें सुलझाने के लिए जीएसटी विभाग सदैव तत्पर रहता है ताकि व्यापारियों और उद्योगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। शिकायतों का निवारण करने का भी पूरा प्रयास रहता है। इसके लिए व्यापारियों एवं उद्यमियों को विभाग से निरन्तर सम्पर्क कर वार्तालाप करते रहना चाहिए। सीए हेमन्त सिंघल ने कहा कि व्यापारियों एवं उद्यमियों को पेनल्टी से बचने के लिए अपनी रिटर्न समय से फाईल करनी चाहिए। उन्होंने इनवॉयस मैनेजमेण्ट सिस्टम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। सीए मोहित देव ने कहा कि जीएसटी की एमनेस्टी स्कीम केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा एक राहत की पहल है जिसका उद्देश्य करदाताओं को स्वेच्छा से अति देय जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत करदाताओं को केवल बकाया टैक्स जमा करना होगा जबकि ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को इस स्कीम का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने स्लाईड के माध्यम से इसकी विस्तृत जानकारी दी। रोहित श्रीवास्तव, ज्वाइंट कमिश्नर (ऑडिट), सीजीएसटी, कुमायूँ ज़ोन, रूद्रपुर द्वारा सेमिनार में व्यापार और उद्योगों से संबंधित जीएसटी की समस्याओं, उनके समाधानों तथा बजट में जीएसटी से जुडे़ नवीनतम बदलावों पर विस्तार से चर्चा की गयी। कार्यक्रम के अंत में एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उद्यमियों ने विशेषज्ञों से अपने सवाल पूछे जिनका विशेषज्ञों एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर ही समाधान कर दिया गया। इस अवसर पर अतुल असावा, सुरेश चन्द्र अग्रवाल, विकास सिंह, नरेश घई, संजय अदलखा, डॉ. जीएस तिवारी, नरेश कुमार गुप्ता, रवि अग्रवाल, हरिओम अग्रवाल, बीसी दुम्का, रोहित अग्रवाल, डॉ. कुन्दन सिंह रौतेला, सीए आकाश गुप्ता, सीएस बुधानी, हेमन्त भट्ट, प्रवीन धस्माना, देवेन्द्र सिंह, सोमवीर सिंह, रिंकू कुमार, शैलेन्द्र शुक्ला, भास्कर काण्डपाल, रचित कुमार, बलवंत सिंह, विजय रावत, विक्रम सिंह, वरूण शर्मा, एकवोकेट कृष्ण पाल रॉय, प्रदीप कुमार जैन, भूपेन्द्र सिंह, केशव कुमार, दीपक सिंह आदि उपस्थित थे।
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