February 21, 2025
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काशीपुर। काशीपुर बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 में संशोधन के नाम पर अधिवक्ताओं के हितों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है और सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के जो संवैधानिक अधिकार जो भारतीय संविधान में उनको मिले हैं उनको भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त संशोधन के विरोध में काशीपुर बार एसोसिएशन द्वारा एक आम सभा का आयोजन किया गया जिसमें समस्त अधिवक्तागणों से उक्त बिल मे होने वाले संशोधन के लिए आम राय मांगी गई जिसको उचित माध्यम से सरकार तक पहुंचाया जाएगा। कहा कि उक्त बिल अधिवक्ताओं के साथ-साथ जनता विरोधी है। उक्त आम सभा में काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार चौबे, उपाध्यक्ष अनूप शर्मा, सचिव नृपेंद्र कुमार चौधरी, उपसचिव सूरज कुमार, कोषाध्यक्ष सौरभ शर्मा, ऑडिटर हिमांशु बिश्नोई, पुस्तकालय अध्यक्ष सतपाल सिंह बल, प्रेस प्रवक्ता दुष्यंत चौहान, महिला उपाध्यक्ष रश्मि पाल, तहसील उपाध्यक्ष विजय सिंह, कार्यकारी सदस्यगण कामिनी श्रीवास्तव, नरेश कुमार पाल, अर्पित कुमार सौदा, अमित कुमार गुप्ता, अमृत पाल सिंह, अमितेश सिसोदिया, अविनाश कुमार, नरदेव सिंह सैनी, बार कौंसिल ऑफ़ उत्तराखंड के सदस्य हरि सिंह नेगी, मनोज जोशी, सनत कुमार पैगिया, उमेश जोशी, आनन्द रस्तोगी, शैलेंद्र मिश्रा, इन्दर सिंह, वीरेंद्र चौहान, धर्मेंद्र सिंह, महावीर सिंह, सुभाष पाल, संजय चौहान, गिरिराज सिंह, अर्पित सिंह चौहान, शिवम् अग्रवाल, धर्मेन्द्र तुली, विनोद पंत, दौलत सिंह, सुहेल आलम अंसारी, भुवन चंद्र हरबोला, सुरेंद्र पाल सिंह, सुंदर सिंह, संजय कुमार, रामकुवर चौहान, कविता चौहान, प्रसून वर्मा, महेश कुमार, सुशील चौधरी, अजय सैनी, चांद मोहम्मद, विकास अग्रवाल, विष्णु भटनागर, संजय रुहेला, अनूप विश्नोई, निर्भय चौधरी, लवेन्द्र, शहाना, शबाना परवीन, सुमयला, पूनम गड़िया, मोहित गुप्ता, सुहाना शर्मा, जितेंद्र सिंह, राहुल दुआ, समर्थ विक्रम, अचल वर्मा, कैलाश बिष्ट, अरविन्द सिंह, बलवंत लाल, विवेक मिश्रा, सुनील कुमार, यशवंत सैनी, अचल वर्मा, नागेंद्र सिंह, नेगी सिंह, अमित रस्तोगी, दौलत सिंह, महेंद्र चौहान, अनिल शर्मा, राजाराम, नईम अहमद, वकील सिद्दीकी व नरगिस आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।    उधर, इस दौरान अपने संबोधन में वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए जाने वाले अधिवक्ता संशोधन अधिनियम बिल 2025 जी का अधिवक्ता समाज गहरा विरोध प्रकट करता है और संशोधन बिल वापस लेने की मांग करता है।‌ कहा कि यह बिल स्वतंत्र वकालत पर गंभीर प्रभाव डालने वाला बिल है, साथ ही यूसीसी में रजिस्ट्री बैनामा को पेपर लैस करना भी अधिवक्ता के अधिकारों पर कुठाराघात है।

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