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-सरकारी बीमा कम्पनी को आखिर देना पड़ी बीमा क्लेम से डेढ़ गुना धनराशि
–राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से हारने के बाद, जिला आयोग के माध्यम से किया भुगतान
काशीपुर। बीमा कम्पनी, जिला उपभोक्ता फोरम, राज्य व राष्ट्रीय आयोग में 10 वर्षों से अधिक संघर्ष के बाद बीमा उपभोक्ता को दस लाख की बीमा क्लेम की धनराशि से लगभग डेढ़ गुना 14 लाख 89 हजार 99 रू. का भुगतान प्राप्त हो गया है। यह भुगतान सरकारी बीमा कम्पनी ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड ने उपभोक्ता फोरम, राज्य उपभोक्ता आयोग तथा राष्ट्रीय आयोग में केस हारने के बाद जिला आयोग के माध्यम से बीमा उपभोक्ता मुशर्रफ को किया गया है।
काशीपुर के जमील अहमद तथा मुशर्रफ की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर करके कहा गया था कि जमील अहमद ने अपने ट्रक संख्या-यूके-6सी ए-0916 का बीमा ओरिएंटल इश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की काशीपुर शाखा कार्यालय से करवाया जो 31 अक्टूबर 2014 से 30 अक्टूबर 2015 तक वैध था। इसी बीच 27 नवंबर 2014 को जमील अहमद ने अपना बीमित ट्रक मुशर्रफ को बेच दिया जिसे सम्बन्धित परिवहन अधिकारी के अभिलेखों मेें दर्ज कर दिया जिसकी प्रति 28 नवंबर 2018 को जब प्राप्त हुई तो बीमा कम्पनी का कार्यालय बन्द हो चुका था। 29 व 30 नवम्बर को कम्पनी का कार्यालय बन्द था। इस कारण वाहन हस्तांतरण की सूचना नहीं दी जा सकी। 29 व 30 नवम्बर 2014 की रात को काशीपुर से बीमित ट्रक चोरी हो गया। परिवादीगण द्वारा काफी ढूंढने पर जब वाहन नहीं मिला तब इसकी रिपोर्ट कोतवाली काशीपुर में दर्ज करायी और पुलिस द्वारा प्रयास करने पर भी जब वाहन नहीं मिला तब पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर के न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। परिवादी ने बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना दी जिस पर कम्पनी के अधिकारी व सर्वेयर ने घटना स्थल का सर्वे किया तथा इससे संबंधित जानकारी तथा सम्बन्धित कागजातों की प्रतियां प्राप्त की। जब बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम की धनराशि नहीं दी गयी तब सूचना का अधिकार के अन्तर्गत सूचना मांगी गयी। जिसमें कम्पनी ने बताया कि वाहन हस्तांतरण की सूचना परिवादी द्वारा नहीं दी गयी इसलिये क्लेम निरस्त किया गया। इस पर परिवादीगण ने अपने अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के माध्यम से नोटिस भिजवाया। जिस पर भी कोई कार्यवाही न करने पर उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया गया। जिला उपभोक्ता फोरम के तत्कालीन अध्यक्ष आरडी पालीवाल तथा सदस्य सबाहत हुसैन खान ने परिवादीगण के अधिवक्ता नदीम उद्दीन के तर्कों से सहमत हुये अपने निर्णय में लिखा कि मामले के तथ्य व परिस्थिितियां ऐसी थी कि परिवादीगण ने बिना किसी देरी के विपक्षी बीमा कम्पनी को वाहन चोरी की सूचना दिनांक 01 दिसंबर 2014 को दी। वाहन बीमित था और बीमित अवधि में ही चोरी हुआ। चोरी की दिनांक 29/30 नवंबर 2014 की रात्रि को चूंकि मुशर्रफ ही वाहन का स्वामी था इसलिये परिवादी मुशर्रफ ही बीमा धनराशि पाने का अधिकारी है। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी को बीमित वाहन की धनराशि रुपये दस लाख 7 प्रतिशत साधारण ब्याज जो परिवाद दायर करने की तिथि 16 फरवरी 2017 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक देय होगा का भुगतान एक माह के अंदर करने का आदेश दिया। साथ ही मानसिक क्षति के 10 हजार तथा वाद व्यय के रुपये पांच हजार का भी भुगतान करने का आदेश दिया है। बीमा कम्पनी ने इस आदेश के विरूद्ध अपील संख्या 134/2018 राज्य उपभोक्ता आयोग को कर दी। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जस्टिस डीएस त्रिपाठी तथा सदस्य उदय सिंह टोलिया की पीठ ने अपने निर्णय दिनांक 06 जनवरी 2023 में 14 दिन के अन्दर वाहन चोरी होने पर वाहन पाॅलिसी ट्रांसफर न होने के आधार पर बीमा क्लेम निरस्त करने को गलत मानने के जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को पूर्णतः सही माना। बीमा कम्पनी ने राज्य आयोग के आदेश के विरूद्ध राष्ट्रीय आयोग में रिवीजन संख्या 1724/2023 फाइल किया जिसे राष्ट्रीय आयोग के निर्णयों को सही मानते हुये खारिज कर दिया। इसके उपरान्त भी भुगतान न करने पर परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने जिला उपभोक्ता आयोग से बीमा कम्पनी के शाखा प्रबंधक तथा महाप्रबन्धन को तलब करके फोरम के आदेशों का उल्लंघन करने पर धारा 72 के अन्तर्गत सजा देने की कार्यवाही करने की प्रार्थना की गयी। जिस पर जिला उपभोक्ता आयोेग के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह तथा सदस्य नवीन चन्द्र चंदौला द्वारा नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया। इस नोटिस पर बीमा कम्पनी के काशीपुर शाखा प्रबधंक उपस्थित हुये तथा बीमा कम्पनी के नाम से रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर सहित 6 औपचारिकताएं पूर्ण करने को आदेश देने की प्रार्थना की जिसे जिला उपभोक्ता आयोग ने खारिज कर दिया। इस आदेश पर बीमा कम्पनी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में विविध प्रार्थना पत्र फाइल किया जो बीमा कम्पनी को अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर खारिज हो गया। इस पर पुनः प्रार्थना पत्र संख्या 36/2024 लगाने पर राष्ट्रीय आयोग की जस्टिस करूणानन्द बाजपेयी तथा डाॅ. साधना शंकर की पीठ ने जिला आयोग को जैसा आदेश है वैसा ही पालन कराने को आदेशित करते हुये प्रार्थना पत्र अपने आदेश दिनांक 06 अगस्त 24 से खारिज कर दिया। इस पर पुनः जिला आयोग में औपचारिक्ताएं पूर्ण करने की प्रार्थना के साथ बीमा कम्पनी की ओर से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिस पर बीमा कम्पनी कोई राहत न मिलने पर बीमा कम्पनी ने पूर्व में अपील हेतु जमा धनराशि व उस पर ब्याज के अतिरिक्त रुपये 816881/- चैक द्वारा जिला आयोग में जमा कर दिया। जिला आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार खरे ने चैक संख्या वास्ते 672218/- तथा 8,16,881/- से कुल 14 लाख 89 हजार 99 रुपये की धनराशि मुर्शरफ को उसके अधिक्ता नदीम उद्दीन की उपस्थिति में दे दिया जिसका भुगतान उसके बैंक खाते में प्राप्त हो गया।
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मुकुल मानव- सह संपादक
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