June 14, 2025

वसुधैब कुटुम्बकम् का सराहनीय प्रयास जारी

काशीपुर। क्षेत्र में नेत्रदान के प्रति जागृति बढ़ रही है। रविवार, 02 मार्च को स्वदेश प्रकाश भटनागर जी (टेलीफोन वाले) के देहावसान के पश्चात उनके पुत्र आशीष भटनागर और विकास भटनागर ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेगीं। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रिय जन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे। आवास विकास निवासी स्वदेश भटनागर स्वयं समाज सेवा व धार्मिक कार्यों में संलग्न रहे। यह सराहनीय कार्य भी उनके जीवन प्रवृत्ति के अनुरूप है। वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों की देखरेख में मुरादाबाद आई/नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर ब्रह्मलीन श्री भटनागर के शरीर से दान की गई आंखे (कॉर्निया) प्राप्त कीं। वसुधैव कुटुम्बकम् के अध्यक्ष विकास जैन ने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् क्षेत्र के लोगों में नेत्रदान हेतु जागृति लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि वसुधैव कुटुम्बकम् के अनुरोध पर अब तक 12 नेत्रदान हो चुके हैं जिससे 23 लोग लाभान्वित हो चुके हैं। संस्था के संस्थापक सदस्य दीपक मित्तल ने बताया कि नेत्रदान करने से किसी प्रकार का देह भंग नही होता। भारत में कॉर्नियल अंधेपन से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 1.2 मिलियन है। यह अंधेपन का दूसरा सबसे आम कारण है। हर साल करीब 20 से 25 हजार नए मामले सामने आते हैं, नेत्रदान करने से ऐसे लोगो को रोशनी मिल सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैब कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता हेतु (24×7)
98370 80678 या 9548799947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है। संस्था के संरक्षक योगेश जिंदल व संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल, आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, प्रियांशु बंसल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल ने वसुधैव कुटुंबकम् काशीपुर के अनुरोध पर सम्पन्न कराये इस महान कार्य के प्रति भटनागर परिवार का आभार व्यक्त किया और परम पिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की। साथ ही क्षेत्र वासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने में सहयोग का आवाहन किया। ब्रह्मलीन स्वदेश भटनागर के नेत्रदान में समाजसेवी गौरव सक्सेना एवं राजकुमार सेठी का विशेष सहयोग रहा।

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