December 23, 2024
Screenshot_2024-03-26-13-56-16-17.jpg
मानव गरिमा ब्यूरो
Spread the love

पीलीभीत। भाजपा से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी नजर है। क्योंकि नामांकन करने के लिए सिर्फ कल तक का वक्त है, लेकिन अब तक वरुण के खेमे में खामोशी है। ऐसे में उन्हें लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पीलीभीत में मतदान होना है। भाजपा समेत सपा-बसपा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने भगवत सरन गंगवार और बसपा ने अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। जितिन प्रसाद 27 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। 27 मार्च ही नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन वरुण का खेमा खामोश है। अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह नामांकन करेंगे या नहीं। ऐसे में पीलीभीत से वरुण के चुनाव न लड़ने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। पीलीभीत लोकसभा सीट पिछले चार चुनावों से भाजपा के कब्जे में है। करीब तीन दशक से इस सीट पर गांधी परिवार का दबदबा है। वरुण गांधी यहां से दो बार सांसद रहे हैं, जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से छह बार सांसद रह चुकी हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी पहली बार पीलीभीत से सांसद बने। 2014 में भाजपा ने उन्हें सुल्तानपुर से चुनाव लड़ाया। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की। 2019 में वह दोबारा पीलीभीत सीट से उतरे और फिर सांसद बने। वरुण गांधी ने बीते कार्यकाल में कई बार अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाकर नेतृत्व को कटघरे में खड़ा किया। वह पार्टी के कई नेताओं पर भी हमलावर रहे। हालांकि कुछ समय पूर्व से उनके बयानों में नरमी आई थी, लेकिन तब तक उनके टिकट को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया। आखिरकार भाजपा ने उनका टिकट काटकर जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया। जितिन यूपी सरकार में मंत्री हैं और पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *