December 23, 2024
Screenshot_2024-04-27-13-05-06-38.jpg
मानव गरिमा ब्यूरो
Spread the love

मुरादाबाद। मुरादाबाद में आलू के दाम अचानक बढ़ गई है। थोक में छह से सात सौ रुपये प्रति क्विंटल की बढोत्तरी दर्ज की गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने किसानों से कोल्ड स्टोर से आलू निकालकर उसे बेचने की अपील की है। पिछले दो माह में आलू के दाम करीब थोक में 600 रुपये से लेकर 700 रुपये प्रति क्विंटल और फुटकर में 10 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं। वहीं आलू की आवक भी घटकर करीब आधी रह गई है। आलू के तेजी से बढ़ते दाम को लेकर प्रशासन हरकत में आया है। जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) गया प्रसाद ने व्यापारियों और किसानों से कोल्ड स्टोर से माल निकालकर उसे बेचने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे बाजार में आलू के बढ़ रहे दाम को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
किसानों को भी उनकी फसल का वर्तमान में उचित दाम मिल सकेगा। पिछले दो माह में मंडी में आलू की आवक कम हुई है। लोकल आलू समाप्त हो जाने के कारण अब कोल्ड स्टोर में रखा आलू मंडी में बिक्री के लिए आ रहा है। इससे आलू के दाम में भी इजाफा हुआ है। मंडी निरीक्षक माधवी ने बताया कि दो माह पहले तक मंडी में लोकल और अन्य स्थानों से करीब 2500 क्विंटल आलू की आवक प्रतिदिन होती थी। जो अब घट कर 1100 से 1500 क्विंटल रह गई है।
आलू की आवक घटने के कारण आलू के दाम में भी इजाफा हुआ है। सब्जी विक्रेता कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह सैनी ने बताया कि दो माह पहले मंडी में थोक में पुखराज आलू 800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से तथा चिप सोना आलू 1000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था। वर्तमान में इसकी कीमत बढ़कर क्रमश: 1400 रुपये तथा 1700 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। वहीं फुटकर में 12 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिकने वाला पुखराज और 15 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाले चिप सोना आलू के दाम में प्रति किलो दस रुपये का इजाफा हो गया है। जिला उद्यान अधिकारी (डीएचओ) गया प्रसाद ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा आलू का फुटकर बाजार भाव करीब 10 रुपये प्रति किलो अधिक चल रहा है। उन्होंने बताया कि जनमानस को खाद्य सामग्री सस्ते एवं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना शासन प्रशासन की प्राथमिकता है। किसी सामग्री में औसत मूल्य से अधिक वृद्धि तब होती है जब उसका भंडारण गृहों में संरक्षण कर रोक लिया जाता है। जिसे ध्यान में रखते में शीतगृह स्वामियों, व्यापारियों, आढ़तियों तथा आलू किसानों से संरक्षित आलू को बाजार में भेजकर उसका उचित मूल्य प्राप्त करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भी उनके फसल का जहां बेहतर दाम मिल जाएगा वहीं बाजार में पर्याप्त आलू की उपलब्धता होने से आलू की बढ़ती कीमत भी नियंत्रित हो सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *