नई दिल्ली। विवाह के लिए अक्षय तृतीया को सबसे अच्छा और शुभ मुहूर्त माना जाता है। कहा तो यहां तक जाता है कि इस दिन शादी के लिए मुहूर्त भी पूछने की जरूरत नहीं होती। लेकिन इस बार करीब ढाई दशक बाद अक्षय तृतीया पर शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि शुभ-मांगलिक कार्यों को करने के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है। अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण कोई भी काम बिना समय और मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस बार अक्षय तृतीया पर 23 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर विवाह के कारक ग्रह माने जाने वाले शुक्र और गुरू तारा अस्त होने से इस दिन विवाह मुहूर्त नहीं है। अक्षय तृतीया को महामुहूर्त माने जाने के कारण इस दिन बाकी सभी मांगलिक कार्य पूरे किए जा सकते हैं। इस साल अक्षय तृतीया शुक्रवार, 10 मई को मनाई जाएगी। इस बार 23 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। इस बार विवाह के कारक माने जाने वाले शुक्र और गुरु ग्रह का तारा अस्त हो रहा है। शुक्र और गुरु ग्रह का अस्त होने पर विवाह करना शुभ नहीं होता इसलिए इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह नहीं होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह जब उदय हो तभी कोई मांगलिक कार्य किया जाता है। गुरु और शुक्र ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। अगर आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदय हो तो ही विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं। इस बार अक्षय तृतीया पर यह दोनों ग्रह अस्त रहेंगे। जिसके कारण अक्षय तृतीया पर विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होगा। दोनों ग्रह के अस्त होने से मई-जून में विवाह की शहनाइयां नहीं गूजेंगी।
विवाह शुभ मुहूर्त
जुलाई 9, 11, 12, 13, 14, 15
अगस्त से अक्टूबर तक कोई मुहूर्त नहीं
नवंबर 12, 13,16, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, 29
दिसंबर 4, 5, 9, 10, 14, 15
मुकुल मानव- सह संपादक
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