December 23, 2024
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मानव गरिमा ब्यूरो
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मुरादाबाद। भगतपुर थाना पुलिस ने गेमिंग एप के जरिए लोगों से साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने दुबई में रहकर छत्तीसगढ़ के युवकों से साइबर ठगी करने की ट्रेनिंग ली। दुबई से लौटने के बाद उन्होंने काशीपुर के राशिद संग दिल्ली में अपना ठिकाना बनाया और लोगों को घर बैठने लाखों कमाने का लालच देकर ठगने लगे। शुक्रवार शाम दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि चार जुलाई को भगतपुर के सीतापुर बहेड़ी निवासी जीशान ने भगतपुर में केस दर्ज कराया था, जिसमें उसने बताया कि दो युवकों ने उसे पांच हजार रुपये हर माह देने का झांसा देकर बैंक में खाता खुलवाया था। आरोपियों ने जीशान की आईडी पर एक मोबाइल नंबर भी लिया था। आरोपी मेरे सिम कार्ड, डेबिट कार्ड और पासबुक का दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने जीशान की शिकायत पर दानिश और अफजाल निवासी ग्राम रोशनपुर बहेड़ी थाना भगतपुर के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। तब आरोपियों ने बताया कि वह दुबई के साफ्टवेयर के माध्यम से साइबर ठगी करने वाले छत्तीसगढ़ के गिरोह के संपर्क में हैं। इसी साफ्टवेयर के माध्यम से लोगों को गेम खिलाकर कमाई कराने का लालच देते थे। लोगों से ठगी करने वाली रकम को वह जीशान समेत अन्य लोगों के खाते में मंगवाते हैं। अब तक वह सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। स्नातक तक की पढ़ाई करने वाले आरोपी दानिश और अफजाल ने बताया कि करीब दो साल पहले वह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर निवासी राशिद के साथ दुबई गए थे। वहां राशिद ने बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। इसी दौरान वहां छत्तीसगढ़ के कुछ युवक मिल गए। उन्होंने दानिश और अफजाल से कहा कि वह जिंदगी भर नौकरी करेंगे तो भी पैसा नहीं जुटा पाएंगे। हमारे पास रातोंरात मालामाल होने का प्लान है। आरोपियों ने दुबई में ही दोनों को साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी। इसके बाद दोनों भारत लौट आए और लोगों को ठगना शुरू कर दिया। आरोपी दानिश और अफजाल ने अपने साथी राशिद के साथ मिलकर दिल्ली के नागालोई में दफ्तर खोल लिया था। इसके बाद आरोपी लोगों को गेमिंग एप के जरिये ठग रहे थे। लोगों को छोटे-छोटे टास्क देकर उन्हें पूरा करने पर रकम बढ़ाकर वापस कर देते थे। जब लोग बढ़ी रकम लगाते थे तो उन्हें वापस नहीं करते थे। इसके बाद सिम बंद कर देते थे और अगले शिकार को फंसाने में लग जाते थे। इसके लिए आरोपी टेलीग्राम, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया साइट के जरिए लोगों से जुड़ते थे। सीओ ठाकुरद्वारा राजेश कुमार ने बताया कि आरोपियों के पास से नौ मोबाइल, तीन लैपटाॅप, एक टैबलेट, 35 डेबिट कार्ड, 10 चेक बुक, दो पैन कार्ड, एक आधार कार्ड मिला है।

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