December 23, 2024
Screenshot_2024-07-15-12-47-39-04.jpg
मानव गरिमा ब्यूरो
Spread the love

काशीपुर। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की नवमी पर आज श्री शीतला माता मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रृद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी। हालांकि आषाढ़ मास में श्री शीतला माता की आराधना करने रोजाना श्रृद्धालुजन यहां पहुंच रहे हैं। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई को हुई थी, जिसका समापन मंगलवार 16 जुलाई को किया जाएगा। श्री शीतला माता मंदिर के पीठाधीश पं. संदीप मिश्रा ने बताया कि नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। आज आषाढ़ शुक्ल नवमी है, इसे भड़ली नवमी कहते हैं। इस साल 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है। इस दिन श्रीहरि विष्णु चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं और सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। देवशयनी एकादशी से पहले आने वाली भड़ली नवमी को अबुझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। इस दिन बिना मुहूर्त देखें भी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार अबूझ मुहूर्त होने पर बिना नक्षत्र, तिथि, मुहूर्त देखे सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, आदि किए जा सकते हैं। भड़ली नवमी पर गणेश जी, शिव जी और देवी दुर्गा की विशेष पूजा किया जाना श्रेयस्कर होता है।इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, छाता, जूते-चप्पल, कपड़े का दान करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *