काशीपुर। चैक बाउंस के मुकदमे में तलवी आदेश के खिलाफ निगरानी अदालत ने खारिज कर दी। मौ. रामिश पुत्र हाजी अबरार, निवासी मौहल्ला कटरामालियान, वार्ड नं० 13 काशीपुर जिला उधमसिंहनगर के खिलाफ ललित गुप्ता ने मुकदमा दायर कर कहा कि उससे उसके पुराने पारिवारिक सम्बन्ध हैं। इसके चलते मौ. रामिश ने 11,30,000 रुपये उधार लिये थे। जब काफी तकादा किया तो उसने चैक दिया, जो कि अनाद्रित हो गया। मुकदमा करने के बाद मौ० रामिश ने आदेश के खिलाफ निगरानी दायर की थी। मौ. रामिश द्वारा कहा गया कि इतनी बड़ी रकम ललित गुप्ता पर कहां से आयी। उसने नहीं बताया, और यह भी कहा कि हस्ताक्षरयुक्त चैक कही खो गये थे, जिसकी रिपोर्ट कोतवाली काशीपुर में दर्ज करायी थी तथा ललित गुप्ता कई मुकदमे करता है, जिस कारण उपरोक्त मामला नहीं बनता है, जिस पर ललित गुप्ता के अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई व भारत भूषण ने उत्तर देते हुये कहा कि यह सब मामले तथ्य के मामले हैं, जिन्हें उचित न्यायालय में प्रदर्शित किया जा सकता है, परन्तु हस्ताक्षरयुक्त चैक अनाद्रित हुआ है, जिस कारण वह दोषी है। यह भी कथन किया कि कई मुकदमे दायर करने से कोई व्यक्ति गलत साबित नहीं हो जाता। अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई व भारत भूषण की बहस व तर्कों से संतुष्ट होकर निम्न न्यायालय ने मौ० रामिश की निगरानी खारिज कर दिनांक 23 सितंबर 2024 को विचारण न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश पारित किया।
मुकुल मानव- सह संपादक
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