काशीपुर। देवभूमि पर्वतीय महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि महासभा के भूतपूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जीना द्वारा समाचार पत्र में देवभूमि पर्वतीय महासभा काशीपुर की एक बैठक 25 फरवरी 2024 को आयोजित करने सम्बन्धी समाचार प्रकाशित कराया गया है, जबकि वर्तमान में न्यायालय के आदेश 15 सितम्बर 2023 द्वारा सुरेन्द्र सिंह जीना देवभूमि पर्वतीय महासभा काशीपुर के निवर्तमान सम्बन्धी अधिकार खो चुके हैं। इसके बाद भी अपनी नाकाम कोशिश द्वारा समाज को पुनः गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें बैठक बुलाने का लीगल राईट नहीं है। कोई भी कार्यवाही मान्य नहीं होगी। जोशी ने कहा कि वर्तमान में वे देवभूमि पर्वतीय महासभा काशीपुर के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और उनके द्वारा सभी सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों का क्रियान्वयन सफलता से किया जा रहा है। भविष्य में उनके स्तर से ही सभी युवा सदस्यों एवं वरिष्ठ सदस्यों से विचार विमर्श कर बैठक बुलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सुरेन्द्र सिंह जीना द्वारा इसी प्रकार का एक प्रयास 29 जनवरी 2023 को एक बैठक बुलाकर किया गया था, जिस पर रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा 03 फरवरी 2023 को स्थगन आदेश पारित कर दिया गया था जो आज की तिथि तक वैध है। न्यायालय के आदेश बिन्दू 01 पेज 512 एवं 511 में स्पष्ट आदेश है कि सुरेन्द्र सिंह जीना ने कूटरचित दस्तावेज 05 मार्च 2019 में रचित कर दो मृतक व्यक्तियों को जीवित दिखाकर फर्जी चुनाव सूचना बनाकर डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय को भेजी, जिसके सुधार हेतु वे अपना कोई तथ्य न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर पाये। अतः उनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। ऐसे छलकपट करने वाले एवं न्यायालय से प्रताड़ित व्यक्ति जिनका चुनाव ही (अपास्त) निरस्त कर दिया गया हो, से समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वे (प्रदीप जोशी) ही कार्यकारी अध्यक्ष हैं और उन्हें ही बैठक बुलाने का पूर्ण अधिकार है।
मुकुल मानव- सह संपादक
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