अधिवक्ता दिवस पर जनजीवन उत्थान समिति ने किया गोष्ठी का आयोजन काशीपुर। अधिवक्ता दिवस के अवसर पर जनजीवन उत्थान समिति के तत्वाधान में “समाज में अधिवक्ता का कर्तव्य” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मंगलवार को स्व. सत्येंद्र चंद्र गुड़िया मार्ग मोहल्ला गंज स्थित श्री जगदीश प्रेरणा भवन सभागार में वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तराखंड रत्न से सम्मानित शैलेंद्र कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में गोष्ठी हुई। अपने संबोधन में शैलेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के नाम जीरादेई में हुआ था उनके जन्म की वर्षगांठ पर प्रत्येक तीन दिसंबर को अधिवक्ता दिवस मनाया जाता है। वह एक विद्धान अधिवक्ता थे तथा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में थे। वह 12 वर्षों तक राष्ट्रपति रहे तथा उन्हें 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं का बहुत योगदान रहा। महात्मा गांधी से लेकर भारत रत्न डा. भीमराव आंबेडकर ने वकालत के पेशे से अपने जीवन की शुरुआत की। भारत की महान विभूतियां हुई उनमें से अधिकतर का प्रारंभिक पेशा वकालत ही रहा। आज मोदी सरकार भी अधिवक्ताओं को भरपूर सम्मान दे रही है । भारत की न्याय व्यवस्था अधिवक्ताओं के कारण संचालित होती है। अधिकारों के अतिक्रमण में अधिवक्ताओं की सहायता ली जाती है अधिवक्ताओं के न होने पर न्यायालय के संचालन की कल्पना करना भी व्यर्थ है। अधिवक्ता समाज में न्याय का दर्पण होता है। इस अवसर पर भास्कर त्यागी एडवोकेट , जहांगीर आलम एडवोकेट, रईस एडवोकेट, अमृतपाल एडवोकेट, संजीव कुमार एडवोकेट, पंकज कश्यप एडवोकेट, देवांग मिश्रा एडवोकेट, कर्तव्य मिश्रा एडवोकेट, सैयद आसिफ अली, इफरा खान एडवोकेट, नवजोत सिंह, अंकित चौधरी एडवोकेट आदि मौजूद रहे।
मुकुल मानव- सह संपादक
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