काशीपुर। सावन का महीना आरंभ हो गया है। इस मौसम में बारिश के कारण कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। सावन के महीने में साफ-सफाई रखने के साथ कुछ चीजों का खाने में परहेज करना चाहिए। इस मौसम में वायरल बीमारियां अपनी चपेट में आसानी से ले लेती हैं। आयुर्वेद की प्रणाली के अनुसार इस मौसम में वात बढ़ता है और इसी महीने में पित्त जमा होने लगते हैं। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसे में इस समय शरीर को फिट रखने के लिए वात को बढ़ाने वाले सभी खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। वात बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को नहीं खाने से शरीर स्वस्थ रहेगा और बीमारियां भी नहीं लगेंगी। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का कहना है कि हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व होता है। कई लोग इस सीजन में सेंधा नमक का सेवन करते हैं। वहीं, कुछ लोग सिर्फ फलाहार करते हैं। सावन के मौसम में कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। सावन के व्रत में आप कई तरह के पेय पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इनमें नींबू पानी, नारियल पानी इत्यादि को शामिल किया जा सकता है।
सूखे मेवे यानि ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। साथ ही शारीरिक कमजोरी दूर करने में असरदार होते हैं। सावन में आप कई तरह की सब्जियां जैसे- लौकी, कद्दू इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। यह शुद्ध और सात्विक आहार माना जाता है। तुरई और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें। सुबह उठकर चाय न पिएं, सुबह खाली पेट चाय पीने से पूरे दिन गैस बनी रहती है। इसके बजाय पूरे दिन कुछ न कुछ हल्का आहार लेते रहें। अपने पेट को लंबे समय तक खाली न रखें। इससे इम्यून पावर वीक होती है, जिससे गंभीर समस्याएं होने का खतरा रहता है। अधिक तला-भुना न खाएं। इससे गैस, अपच और कब्ज की परेशानी हो सकती है। सावन माह में दही खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में दही जमाते समय गुड बैक्टीरिया के साथ बैड बैक्टीरिया भी उत्पन्न हो जाते हैं। इसकी वजह से इसके सेवन से पेट संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इस मौसम में दही भी जल्दी खट्टा हो जाता है।
इस मौसम में खाना पचने की प्रक्रिया काफी धीमी हो जाती है, इसलिए ज्यादा मात्रा में दूध पीने से बचना चाहिए। दूध शरीर में पित्त को बढ़ाता है। नॉनवेज खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में कीटाणुओं का प्रजनन तेज हो जाता है। ऐसे में नॉनवेज खाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा बढ़ जाता है। ये काफी गरिष्ठ भोजन होते हैं। इनको पचाने में समय लगता है, जिस कारण पेट में गैस और अपच की समस्या भी हो सकती है।
मुकुल मानव- सह संपादक
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