काशीपुर। दहेज मांगने, मारपीट, गाली गलौज व धमकी देने के आरोपी को अदालत ने दोषमुक्त किया है। वर्ष 2016 में कंचन रानी पत्नि निखित नारंग के द्वारा थाना कुण्डा में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि उसका पति निखित नारंग, ससुर विजय नारंग, सास सरिता नारंग व ननद निशा नारंग उसे प्रताड़ित करते हैं। एक लाख रुपये नकद व एलसीडी लाने के लिये कहते हैं। गन्दी-गन्दी गालियां देते हैं। थप्पड़ों से मारते हैं। खाना खर्चे से भी तंग रखते हैं। 27 नवंबर 2015 को इन सभी लोगों ने दहेज की मांग करते हुए मारपीट कीऔर मिट्टी का तेल डालकर जलाने की धमकी दी। उपरोक्त मुकदमे की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर के यहां चली। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई और भारत भूषण के द्वारा तर्क दिया गया कि शादी के काफी समय बाद रिपोर्ट दर्ज करायी गई और जिरह में कंचन रानी ने कहा कि मुझे झगड़े की जगह अब याद नहीं रही। वह अपनी जिरह में कुछ स्पष्ट नहीं बता पाई और बाद में कंचन रानी की मां संतोष कुमार न्यायालय में आयीं, परन्तु उन्होंने अपनी जिरह में कहा कि निखित दुकान पर नहीं जाता है। इस बात का झगड़ा है। कहां मारपीट हुई, उन्हें आज भी याद नहीं है। बहस के दौरान अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई और भारत भूषण ने अनेक नजीरें प्रस्तुत कीं। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई और भारत भूषण के द्वारा कहा गया कि पूरे देश में दहेज अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है। पुरुष अपने पक्ष में कोई मुकदमा नहीं कर सकता। मामले में कोई क्रूरता साबित नहीं हुई है। अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई, व भारत भूषण की बहस व तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायिक मजिस्ट्रेट काशीपुर ने अभियुक्त को बरी कर दिया।

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