काशीपुर। केजीसीसीआई ने उद्योगों के लिए मैथनॉल के भंडारण के लिए लाइसेंस और रोड परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल करने की मांग की है। चैंबर के अध्यक्ष अशोक बंसल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि जिला ऊधम सिंह नगर के ऐसे उद्योग जिनके उत्पादन में मैथनॉल की आवश्यकता होती है। उन्हें जिला आबकारी विभाग से लाइसेंस एवं रोड परमिट की आवश्यकता होती है। लेकिन यह प्रक्रिया बेहद जटिल है। जिसके चलते उद्योगों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि केजीसीसीआई यह मुद्दा पिछले एक वर्ष से डीएम एवं उद्योग मित्र बैठकों में निरंतर उठाता रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बंसल ने कहा कि शासन से विष अधिनियम 1919 के तहत संशोधन किए गए हैं। जिसमें विष लाइसेंस की वैधता अवधि को 1 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने की बात कही गई है। मैथनॉल को विष अधिनियम की सूची से हटा दिया गया है। अधिनियम में सूचीबद्ध वस्तुओं के परिवहन के लिये रोड परमिट व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। लेकिन जिला आबकारी विभाग अधिसूचना में निर्धारित/ संशोधित तीनों ही नए नियमों का पालन नहीं कर रहा है। बसंल ने बताया कि लाइसेंस रिन्यूअल 5 वर्ष के बजाय केवल वर्ष के लिए ही रिन्यू किए जा रहे हैं। मैथनॉल को विष अधिनियम से हटाए जाने के बावजूद, विभाग इस पर अनावश्यक नियंत्रण बनाए हुए है। इसके अलावा अधिसूचना में रोड परमिट व्यवस्था समाप्त किए जाने के बावजूद, विभाग अभी भी जबरन रोड परमिट लागू कर रहा है।
मुकुल मानव- सह संपादक
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