अल्मोड़ा। टैक्सी चालक की हत्या के मामले में 12 साल बाद फैसला आया है। चालक की हत्या करने वाले दोषी वीरेंद्र सिंह बिष्ट, निवासी अमस्यारी, गोठी तहसील चौखुटिया को अपर सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे 80 हजार रुपये अर्थदंड भी चुकाना होगा। 28 अप्रैल 2012 को सैनार निवासी विजय सिंह बिष्ट अपनी कार संख्या यूके 01 टीए 1179 में सवारी लेकर हल्द्वानी रवाना हुआ। देर रात वह वीरेंद्र सिंह को लेकर अल्मोड़ा लौटा। टैक्सी चालक ने खैरना से अपनी पत्नी को फोन कर देर रात घर पहुंचने की जानकारी दी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दूसरे दिन उसका शव मजखाली में मिला। घटना के बाद मृतक के परिजन विशन सिंह ने 29 अप्रैल 2012 को राजस्व क्षेत्र मजखाली में वीरेंद्र पर उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। राजस्व पुलिस ने आरोपी को चौखुटिया से गिरफ्तार कर न्यायालय में उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। तब से यह मामला न्यायालय में चल रहा था। अपर सत्र न्यायाधीश ने सभी पक्षों, गवाहों को सुनने और साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद आरोपी को चालक की हत्या करने का दोषी करार देते हुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, धारा 394 के तहत उसे सात साल कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माना भुगतना होगा। धारा 411 के तहत तीन साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से नौ गवाह पेश किए गए।
मुकुल मानव- सह संपादक
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